
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को 10,000 रुपये की सहायता देने का ऐलान हुआ था। लेकिन जब योजना के तहत पैसे वितरण की बारी आई, तो दरभंगा जिले के अहियारी गांव में मज़ेदार लेकिन गंभीर मामला सामने आया।
पुरुषों के खाते में गए पैसे, महिलाओं को नहीं मिला फायदा
योजना का मकसद महिलाओं को आर्थिक सहायता देना था, लेकिन अजीब बात यह हुई कि राशि कुछ पुरुषों के बैंक खातों में चली गई। नागेंद्र राम, बलराम सहनी और राम सागर कुमार जैसे गरीब और विकलांग पुरुषों के खाते में ये 10,000 रुपये आ गए।
पुरुषों ने कैसे खर्च किए सरकारी पैसे?
खबरों के मुताबिक, पुरुषों ने छठ और दीपावली की शॉपिंग में पैसा खर्च कर दिया। कुछ पैसे उन्होंने रोजगार के लिए बत्तख और बकरियों पर खर्च किए। बाद में अधिकारियों ने पत्र भेजकर पैसा वापस करने का आदेश दिया।
अधिकारियों का रुख: बयान देने से बचाव
अधिकारियों ने कैमरे के सामने कोई बयान देने से इनकार किया। बंद कमरे में उन्होंने स्वीकार किया कि भुगतान प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है। इस मुद्दे ने सरकारी योजनाओं और भुगतान प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर दिया।

ग्रामीणों और खाताधारकों की प्रतिक्रिया
ग्रामीण असमंजस में हैं और कुछ पुरुष खाताधारक कहते हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं कि वे पैसा लौटाएं। उन्होंने लाभार्थी महिलाओं से माफी भी मांगी।
क्या यह सिर्फ अहियारी गांव की समस्या है?
ग्रामीणों का कहना है कि और भी लोगों को इसी तरह के पत्र मिल चुके हैं। यह मामला सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
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